भोपाल। इंदौर नव दंपत्ति का 17 दिन तक रहस्यमय तरीके से लापता रहने के बाद सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से मेघालय पुलिस ने हिरासत में लिया। जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया और अदालत ने 72 घंटे तक पूछताछ के लिए कस्टडी में रखने की इजाजत दी। सोनम ने पति को मौत की घाट उतारने के पहले पाप मुक्ति एकादशी का व्रत रखा था। इंदौर में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय करने वाले राजा रघुवंशी की शादी 11 मई को सोनम से हुई थी। शादी के करीब 8 दिन बाद 20 मई को दोनों हनीमून पर निकले। सबसे पहले दोनों गुवाहाटी पहुंचे। वहां कामाख्या देवी के दर्शन किए। इसके बाद वहीं पर दोनों में शिलांग जाने का प्लान बनाया। ये जानकारी उन्होंने घर पर दी। इसके बाद दोनों 23 मई को मेघालय के शिलांग पहुंचे। 23 मई को दोपहर बाद से सोनम और राजा का परिवार से संपर्क टूट गया था। इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या के पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में कई खुलासे हो रहे हैं। इधर सोनम रघुवंशी को लेकर भी नई-नई बात सामने आ रही हैं। हाल ही में राजा रघुवंशी की मां और सोनम के बीच फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो सामने आया है। ये बातचीत राजा की हत्या से कुछ देर पहले की बताई जा रही है। बातचीत से पता चलता है कि सोनम ने इस दिन खास व्रत रखा था।
क्या था वो व्रत
राजा रघुवंशी की हत्या 23 मई को की गई थी। पंचांग के अनुसार 23 मई को पाप मुक्ति एकादशी थी। अब सोनम पर लगे हत्या के आरोप के बाद ये चर्चा भी है कि घोर पाप करने से पहले सोनम ने पापमुक्ति की तैयारी कर ली थी। सास से बात करते समय सोनम ने बताया था कि आज व्रत है, और हम ऊपर चढ़ रहे हैं, और मैंने कुछ भी नहीं खाया है।
हत्या से पहले सोनम ने सास से की बात जो ऑडियो सामने आया है, वो सोनम और उसकी सास यानी राजा रघुवंशी की मां के बीच की बातचीत का है। मां को पता नहीं था कि जिससे कुशलता की वो कामना कर रही है, उसी पर बेटे को मारने का आरोप लगेगा। हम आपको बताते हैं कि दोनों के बीच क्या बात हो रही थी। मां ने फोन पर हैलो करते हुए सबसे पहले पूछा कि राजा का फोन चालू नहीं हुआ अभी तक? सोनम में कहा कि अभी नहीं हुआ, हम चढ़ाई कर रहे हैं, ऊपर पहुंचकर फोन लगाते हैं। सास ने पूछा कि आज तो तुम्हारा उपवास होगा, सोनम बोली कि हां मेरा तो व्रत है। मैंने तो दो-तीन बार राजा को बोल दिया कि घूमने के चक्कर में अपनी ग्यारस (एकादशी) थोड़ी तोड़ूंगी। मां ने कहा कि हां मुझे याद आया था कि आज तो मेरी बहू का उपवास है। जो भी व्रत का मिले कुछ खा लो। सोनम ने कहा कि पहले ऊपर तो चढ़ें, जंगल है यहां तो कुछ नहीं मिलेगा। घोर जंगल है, एकदम खड़ी चढ़ाई है। सास ने चिंता जताते हुए पूछा भी कि ऊपर क्या देखने गए हो। नीचे से देख लेते। सोनम हंसते हुए कहा कि मैंने मना किया था, पर ये ही कहने लगे कि चलो तो मैंने भी हां कर दी। झरना देखने गए हैं, बड़ा वाला। मेरी तो हालत खराब हो गई चढ़-चढ़कर। इनको तो कुछ नहीं हुआ। खाने के नाम पर भी कुछ नहीं है। चलो मैं ऊपर पहुंचकर लगाती हूं, और फोन काट दिया।

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