पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि केंद्र को उस समय राजनीति नहीं करनी चाहिए, जब देश में कोरोना वायरस महामारी फैली हो. उन्होंने कहा, “हम एक राज्य के रूप में वायरस का मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. केंद्र को इस महत्वपूर्ण समय में राजनीति नहीं करनी चाहिए.” बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और अन्य बड़े राज्यों से घिरे हैं और इससे निपटने की चुनौतियां हैं.”
उन्होंने कहा, “सभी राज्यों को समान महत्व दिया जाना चाहिए और हमें टीम इंडिया के रूप में एक साथ काम करना चाहिए,” उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे का सम्मान किया जाना चाहिए.
राज्य सरकार ने कहा, ‘बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते शुरू में कम मामले आये सामने’
केंद्र ने हाल ही में अपने कोविड-19 प्रबंधन पर पश्चिम बंगाल सरकार को लताड़ लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि जनसंख्या के अनुपात में परीक्षण की दर बहुत कम रही और देश में उच्चतम मृत्यु दर- 13.2% थी. हालांकि, राज्य सरकार ने कहा कि बुनियादी सुविधाओं की कमी की वजह से शुरुआती दिनों में कम सक्रिय मामलों का पता चला था और इसके परिणामस्वरूप राज्य में मौतों की दर ऊंची रही.
भारत-बांग्लादेश सीमा पार माल की आवाजाही रोकने पर भी केंद्र ने की थी आलोचना
भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पार से माल की आवाजाही की अनुमति नहीं देने पर इसे पड़ोसी देश के प्रति भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं पर खतरा बताते हुए केंद्र ने ममता बनर्जी सरकार की बहुत आलोचना की थी.
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को एक तीखे पत्र में, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि ऐसा करने से, पश्चिम बंगाल दिशा-निर्देशों सहित आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केवल गृह मंत्रालय के आदेशों का उल्लंघन नहीं कर रहा बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 253, 256 और 257 का उल्लंघन भी कर रहा है. संविधान के अनुच्छेद 253 में अंतरराष्ट्रीय समझौतों से जुड़े कानूनों को प्रभावी बनाने के बारे में बताया गया है जबकि अनुच्छेद 256 और 257 केंद्र को राज्य को निर्देश जारी करने के लिए शक्तियां देते हैं जो राज्य पर बाध्य होते हैं.