देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे बनाने की तैयारी में जुटा है यूपी
पिछले कुछ समय से यूपी में एक्सप्रेस वे पर पूरे जोरों-शोरों से काम जारी है, एक के बाद एक बड़े Expressways तैयार किए जा रहे हैं,जिनमें से कुछ बनकर तैयार हो चुके हैं, तो वहीं कुछ एक्सप्रेस वे पर काम जारी है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने दो दशक पहले आधुनिक भारत को उच्च गुणवता वाली सड़क नेटवर्क परियोजनाओं को निष्पादित करना सिखाया था जिसके बाद लगता है कि अब योगी आदित्यनाथ ने भी अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में यह बात समझ ली है कि अगर उन्हें उत्तर प्रदेश में समृद्धि लानी है, तो उच्च गुणवता वाले सड़क नेटवर्क ही प्रमुख हैं। पिछले 4 वर्षों में योगी सरकार ने जिस दृष्टि और गति के साथ एक्सप्रेसवे पर काम किया है, उससे यूपी की समृद्धि निश्चित है।
2017 में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार सत्ता में आई, तब उत्तर प्रदेश में पहले से ही कुछ एक्सप्रेस-वे मौजूद थे, जिसमें यमुना, लखनऊ-आगरा और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे शामिल हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे 6 लेन चौड़ा और 165.5 किलोमीटर लंबा है, जो आगरा में NH-2 के साथ ग्रेटर नोएडा में परी चौक को जोड़ता है। वर्तमान में फरवरी 2017 के बाद से यह भारत का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे रहा है। दूसरा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे जो कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा निर्मित 302 किलोमीटर 6 लेन उच्च गति एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेस-वे है। वहीं ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे भारत में हरियाणा और उत्तर प्रदेश के राज्य से गुजरने वाला 6 लेन चौड़ा और 135 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे है, जिसे मार्च 2006 में राष्ट्रीय एक्सप्रेस-वे 2 (NE-2) के रूप में घोषित किया गया था।
योगी आदित्यनाथ के राज्य में मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के कुछ ही हफ्तों बाद अवनीश कुमार अवस्थी को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के मुख्य अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया, जिसके बाद एक्सप्रेस-वे का काम और भी तेजी से शुरु हो गया। ग्रेटर नोएडा, पूर्वांचल, गोरखपुर लिंक, लखनऊ कानपुर जैसे कई एक्सप्रेसवेज पर काम किया गया।
यहाँ सूची सम्मिलित है जिसमें राज्य और केंद्र दोनों के कामों का वर्णन है :
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे :
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे 96 किलोमीटर लंबा है जो कुछ चार चरणों में बँटा है, जिसका पहला चरण 14 किलोमीटर अक्षरधाम और यूपी गेट को कवर करता है, वहीं इसका दूसरा चरण 19 किलोमीटर यूपी गेट और डासना जोड़ता है, तीसरा चरण 22 किलोमीटर डासना और हापुड़ को जोड़ता है और चौथा चरण 32 किलोमीटर डासना और मेरठ को जोड़ता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का चरण 2 और 4 जनता के लिए खुला रहेगा जिससे यात्रा के समय को 2 घंटे से घटाकर लगभग 50 मिनट करने में मदद मिलेगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे :
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 340.8 किलोमीटर लंबा है जो भूमि अधिग्रहण लागत सहित 22,494 करोड़ रुपए के कुल परियोजना मूल्य के साथ पूरा होने पर यह एक्सप्रेसवे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। अवस्थी के मुताबिक यह पूर्वी उत्तर प्रदेश की रीड की हड्डी के रूप में कार्य करेगा, जिसके उत्तर की ओर गोरखपुर है, तो वहीं इसकी दक्षिण तरफ प्रयागराज है और यह सुल्तानपुर, अमेठी, मऊ, अयोध्या और गाजीपुर जैसे जिलों में से जा रहा है, जहां कनेक्टिविटी की जरूरत है। UPEIDE के अनुसार अगस्त 2021 में इसका उद्घाटन होने की उम्मीद है।
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बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे :
बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में 296 किलोमीटर लंबा और 4 लेन चौड़ा एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेस-वे है। यह चित्रकूट जिले में NH-35 पर गोंडा गाँव को इटावा जिले के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर कुदरैल गाँव से जोड़ेगा। इसे उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 14,716 करोड़ रुपये की कुल परियोजना मूल्य के साथ विकसित करने के लिए प्रस्तावित किया गया है। जनवरी 2022 तक यह एक्सप्रेसवे पूरा होने की संभावना है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे :
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में 91 किमी. लंबा, 4-लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे है। यह गोरखपुर जिले के जैतपुर गाँव को आजमगढ़ जिले के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सालारपुर गाँव से जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे की अप्रैल 2022 तक पूरे होने की उम्मीद है।
लखनऊ आउटर रिंग रोड :
लखनऊ बाहरी रिंग रोड निर्माणाधीन सड़क परियोजना के तहत एक 8 लेन और 104 किलोमीटर लंबा है। राष्ट्रीय राजमार्ग 230, जिसे किसान पथ और लखनऊ बाहरी रिंग रोड के रूप में भी जाना जाता है, भारत में एक राष्ट्रीय राजमार्ग है। मार्च 2019 में 15 किलोमीटर रोड प्रोजेक्ट पूरा किया गया, इसके बाद मई 2020 से बाकी बचे प्रोजेक्ट पर काम जारी है। आउटर रिंग रोड दिसंबर 2021 तक तैयार हो जाने की संभावना है।
गंगा एक्सप्रेसवे :
गंगा एक्सप्रेसवे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्वीकृत 594 किलोमीटर लंबा, 6-लेन चौड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है। चरण -1 मेरठ जिले में NH-334 पर बिजौली गाँव को प्रयागराज जिले में NH-19 पर जुदापुर दांडू गाँव से जोड़ेगा जोकि मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों से होकर गुजरेगा। यह 2024 तक पूरा करने के लिए निर्धारित किया गया है।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे :
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे 62 किलोमीटर लंबा, 6-लेन चौड़ा एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे है। यह एक्सप्रेसवे कानपुर और लखनऊ को जोड़ेगा और NH-27 के समानांतर चलेगा जो कानपुर और लखनऊ को मौजूदा और प्रस्तावित समानांतर सड़कों के बीच लगभग 8.5 किलोमीटर की दूरी से जोड़ता है।
प्रयागराज लिंक एक्सप्रेसवे :
प्रयागराज लिंक एक्सप्रेसवे 193 किलोमीटर लंबा है जो बाराबंकी से 11 किलोमीटर इलाहाबाद के पास झूसी तक है। इसका भूमि अधिग्रहण शुरू होने वाला है।
यह एक्सप्रेस-वे यूपी में सफर में काफी आराम देंगे, जो रास्ता कभी 2-3 घंटे का हुआ करता था वह अब मात्र 1 घंटे तक का रह जाएगा।
यूपी में राजनीतिक इच्छाशक्ति ने सुनिश्चित किया कि यूपी में एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण में देरी का सामना ना करना पड़े, जिससे कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान काम में रुकावट के बावजूद परियोजनाएं काफी हद तक पटरी पर हैं। यदि इसी तेजी से काम चलता रहा तो कुछ समय में यूपी में बाकी एक्सप्रेसवे भी जल्द से जल्द तैयार हो जाएंगे।